नागपुर हिंसा: CM फडणवीस का ऐलान, ‘कब्र से निकालकर सज़ा देंगे’, औरंगज़ेब मकबरे को लेकर विवाद जारी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में हुई हिंसा पर बुधवार को विधानसभा में सख़्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “पुलिस पर हमला करने वाले लोगों को कब्र से भी निकालकर सज़ा दी जाएगी। यह हमला माफ़ नहीं किया जाएगा। सबसे कड़ी सजा मिलेगी।” यह बयान उन्होंने गृह विभाग के बजट पर चल रही बहस के दौरान दिया। इसी दिन, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के आठ कार्यकर्ताओं ने कोतवाली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया और जमानत पर रिहा हुए।
क्या है पूरा मामला?
नागपुर के भलदरपुरा इलाके में बुधवार शाम तक पुलिस की कंबिंग ऑपरेशन जारी रहा। डीसीपी महक स्वामी के मुताबिक, अब तक 33 आरोपियों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। गणेशपेठ थाने में दर्ज एफआईआर में नामित 51 लोगों में से 29 गिरफ़्तार हुए, जबकि पांच नाबालिगों को छोड़ दिया गया।
हिंसा की वजह क्या थी?
सोमवार को VHP ने औरंगज़ेब के मकबरे को खुल्दाबाद से हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। सीएम फडणवीस को सौंपे गए ज्ञापन में VHP ने दावा किया कि औरंगज़ेब ने सिख गुरु गोबिंद सिंह के दो बेटों को धर्म परिवर्तन से इनकार करने पर मार डाला, मराठा वीर छत्रपति संभाजी महाराज को प्रताड़ित कर हत्या की, और काशी, मथुरा व सोमनाथ के मंदिर तोड़े। इसके बाद से ही शहर में तनाव बढ़ गया।
‘छावा’ फिल्म ने भड़काया आग?
सीएम फडणवीस ने हिंसा को “पूर्वनियोजित” बताया और कहा कि हाल में रिलीज़ हुई फिल्म ‘छावा’ ने लोगों की भावनाएं भड़काईं। इस फिल्म में औरंगज़ेब द्वारा संभाजी महाराज पर किए गए अत्याचारों को दिखाया गया है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार औरंगज़ेब के मकबरे की सुरक्षा करेगी, क्योंकि यह एक संरक्षित स्मारक है, लेकिन उसकी “महिमा मंडन” की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
अब तक की कार्रवाई
पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई जारी रखी है। भीड़ द्वारा पथराव और आगजनी की कई घटनाएं सामने आईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ समूहों ने जानबूझकर हिंसा भड़काई। वहीं, VHP ने अपने प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बताया और आरोप लगाया कि प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया।
इतिहास बनाम राजनीति
औरंगज़ेब को लेकर विवाद नया नहीं है। कुछ इतिहासकार उन्हें कट्टर शासक बताते हैं, तो कुछ उनके शासनकाल के प्रशासनिक पहलुओं को सराहते हैं। हालांकि, महाराष्ट्र में संभाजी महाराज और शिवाजी की विरासत को लेकर संवेदनशीलता अधिक है। ऐसे में, VHP का यह प्रदर्शन सीधे तौर पर इतिहास और साम्प्रदायिक भावनाओं से जुड़ा मुद्दा बन गया।
आगे क्या?
सरकार ने शहर में शांति बहाल करने के लिए सेक्शन 144 लगा दिया है और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं। फडणवीस ने विधानसभा में आश्वासन दिया कि दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा। वहीं, विपक्ष ने सरकार पर हिंसा रोकने में नाकामी का आरोप लगाया है। ऐसे में, यह विवाद अब राजनीतिक बहस का रूप ले चुका है।