Table of Contents
- गणेश जी की आरती का महत्व
- गणेश जी की आरती पढ़ने का शुभ मुहूर्त
- गणेश जी की मूर्ति स्थापना मुहूर्त
- गणेश जी की आरती: लिरिक्स
- गणेश चतुर्थी व्रत और पूजा विधि
- गणेश जी की आरती का फल
- गणपति बप्पा मोरया के प्रति भक्ति
- गणेश चतुर्थी पर प्रसाद और भोग
- गणेश जी की आरती: लिरिक्स और गीत
- गणेश जी की आरती ganesh ji ki aarti lyrics ganesh ji aarti ganesh chaturthi 2024
हिंदू धर्म में गणेश जी को सबसे पहले पूजने वाले देवता माना जाता है। उनकी पूजा से पहले किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत की जाती है। मान्यता है कि गणेश जी की पूजा से सभी दिक्कें दूर होती हैं।
गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद मास में होता है। इस दिन का महत्व बहुत है।
इस अवसर पर, हम आपको गणेश जी की आरती के गीत और गणेश चतुर्थी 2024 की जानकारी दे रहे हैं। गणपति बप्पा मोरया के प्रति हमारी श्रद्धा और भक्ति का यह छोटा सा प्रयास है।
गणेश जी की आरती का महत्व
हिंदू धर्म में गणेश प्रथम पूज्य देवता माने जाते हैं। किसी भी शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा की जाती है। मान्यता है कि उनकी पूजा से विघ्न और कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
गणेश प्रथम पूज्य देवता
गणेश जी को हिंदू धर्म में सबसे पहले पूजने योग्य माना जाता है। उनकी कृपा से सभी कार्य सफल होते हैं। भाद्रपद माह में उनकी विशेष कृपा प्राप्त करने का विश्वास है।
शुभ मांगलिक कार्यों की सफलता
गणेश जी की पूजा से शुभ कार्य सफल होते हैं। उनकी कृपा से सभी विघ्न दूर होते हैं। मान्यता है कि उनकी कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
विघ्न निवारण और कष्ट निवारण
गणेश जी की आरती से विघ्न निवारण और कष्ट निवारण होता है। उनकी पूजा से सभी संकट दूर हो जाते हैं। इसलिए उनकी आरती नियमित पाठ की जाती है।
“गणेश जी की आरती का नियमित पाठ करके व्यक्ति सभी प्रकार के विघ्न और कष्टों से मुक्ति पा सकता है।”
गणेश जी की आरती पढ़ने का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस साल, 7 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी होगी। यह दिन भगवान गणेश के जन्म के लिए विशेष है।
हिंदू धर्म में इस दिन को बहुत महत्व दिया जाता है। पूरे 10 दिन तक गणेश उत्सव मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का दिन
गणेश चतुर्थी के दिन, लोग अपने घरों में गणेश जी की पूजा करते हैं। वे उनकी मूर्ति स्थापित करते हैं और आरती पढ़ते हैं।
गणेश जी की आरती पढ़ने का शुभ समय सुबह 11:02 बजे से दोपहर 1:33 बजे तक है।
भाद्रपद मास का महत्व
हिंदू धर्म में भाद्रपद मास को गणेश के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस माह में उनका जन्म हुआ था।
इस दौरान की गणेश पूजा और आरती से विशेष फल मिलता है। लोग नई शुरुआत या किसी बड़े कार्य से पहले गणेश जी की पूजा करते हैं।
“भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद मास में हुआ था, इसलिए इस माह में होने वाली गणेश पूजा और आरती विशेष महत्व रखती है।”
गणेश जी की मूर्ति स्थापना मुहूर्त
गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को होगी। सुबह 11 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 33 मिनट तक शुभ समय होगा। इस दौरान घर में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित कर पूजा कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024
गणेश जी की मूर्ति स्थापना 7 सितंबर 2024 को होगी। इस दिन घर में गणपति बप्पा को स्थापित करने का शुभ समय होगा।
शुभ समय: 11:02 से 13:33
गणेश मूर्ति स्थापना का शुभ समय सुबह 11 बजकर 2 मिनट से शुरू होगा। दोपहर 1 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इस दौरान गणपति बप्पा की पूजा कर सकते हैं।
गतिविधि | समय |
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गणेश मूर्ति स्थापना प्रारंभ | 11:02 AM |
गणेश मूर्ति स्थापना समाप्त | 01:33 PM |
शुभ मुहूर्त में घर में गणेश जी की पूजा कर सकते हैं। उनकी आरती का पाठ भी कर सकते हैं।
गणेश जी की आरती: लिरिक्स
गणेश चतुर्थी पर गणपति जी की आरती का पाठ बहुत ही महत्वपूर्ण है। “जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।” और “एकदंत दयावंत, चार भुजाधारी। माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।” जैसे श्लोक शामिल हैं, जिनका अर्थ और महत्व बताया गया है।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा…
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
एकदंत दयावंत, चार भुजाधारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।
इस आरती में गणेश जी के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है। यह आरती गणेश जी की पूजा और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए गाई जाती है।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा…
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
बुद्धि प्रदान करो, विघ्न विनाशक।
कर में मोदक लिये, चतुर्भुज स्वरूप।
जय जय गजानना, पालक वर दाता।
इस श्लोक में गणेश जी की माता पार्वती और पिता महादेव का उल्लेख किया गया है। साथ ही, उनके विघ्न विनाशक, बुद्धि प्रदाता और मोदक-धारी स्वरूप का भी वर्णन है।
गणेश जी की इन आरती के श्लोकों में उनके विभिन्न रूपों, गुणों और कार्यों का आह्वान किया जाता है। ये आरती गणेश चतुर्थी के पर्व पर गाई जाती है और भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त करने में सहायता करती है।
गणेश चतुर्थी व्रत और पूजा विधि
गणेश चतुर्थी पर घरों में गणपति जी की मूर्ति स्थापित की जाती है। उनकी पूजा और आरती की जाती है। भक्त गणेश जी को लड्डू, मोदक जैसे प्रसाद अर्पित करते हैं।
गणेश चतुर्थी का त्योहार 7 सितंबर से 17 सितंबर तक होगा। यह 10 दिनों तक चलेगा। घरों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है और पूजा की जाती है।
- गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की मूर्ति स्थापना
- गणेश जी को भोग और प्रसाद अर्पित करना
- गणेश जी की आरती का पाठ करना
- गणेश विसर्जन के लिए विशेष मुहूर्त और समय का पालन करना
सामग्री | उपयोग |
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लड्डू | गणेश जी का प्रिय प्रसाद |
मोदक | गणेश जी को अर्पित किया जाने वाला भोग |
फल, मिष्ठान्न | गणेश चतुर्थी के दौरान चढ़ाए जाने वाले अन्य प्रसाद |
गणेश चतुर्थी के दौरान, भक्त गणेश जी का आह्वान करते हैं। उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
गणेश जी की आरती का फल
गणेश जी की आरती का पाठ करना बहुत अच्छा होता है। यह मनोकामनाएं पूरी करता है और परिवार को सुख-समृद्धि देता है। माना जाता है कि गणेश जी अंधों को दृष्टि देते हैं, कोढ़ियों को स्वस्थ करते हैं, बांझन महिलाओं को संतान सुख देते हैं, और निर्धनों को धन देते हैं।
मनोकामनाओं की पूर्ति
गणेश जी की आरती से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वे अपने भक्तों की इच्छाएं और प्रार्थनाएं पूर्ण करते हैं। सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करते हैं।
परिवार में सुख-समृद्धि
गणेश जी की आरती से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। वे अपने भक्तों के परिवारों को सुख, शांति और समृद्धि देते हैं। परिवार में सामंजस्य और प्रेम की भावना बढ़ाते हैं।
गणेश जी की आरती से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। यह गणेश जी के भक्तों के लिए बहुत अच्छा है।
“गणेश जी की आरती का पाठ करने से विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और सभी कार्यों में सफलता मिलती है।”
गणपति बप्पा मोरया के प्रति भक्ति
लोगों के लिए गणेश जी की पूजा काफी महत्वपूर्ण है। उन्हें “गणपति बप्पा मोरया” कहकर संबोधित किया जाता है। इसका मतलब है कि हे गणपति जी, आप हमारे साथ रहो।
लोग मानते हैं कि गणेश जी सभी चाहते हुए पूरा करते हैं। उनकी कृपा से परिवार सुखी और समृद्ध रहता है।
गणेश जी की पूजा के लिए लोग कई कार्यों की सफलता की कामना करते हैं। वे आशीर्वाद और विघ्न-निवारण की कामना करते हैं।
आरती गाने और मूर्ति की पूजा से लोग शांति और सुख प्राप्त करते हैं। श्रद्धा और विश्वास से उन्हें प्रसन्न करके अपनी चाहतें पूरी होती हैं।
गणपति बप्पा मोरया की पूजा से परिवार में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इसलिए, लोग अपने घरों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं।
गणेश जी की आरती से लोग उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। उनकी स्तुति में भक्ति और श्रद्धा का भाव होता है।
गणपति बप्पा मोरया के प्रति श्रद्धा से लोग उनके आशीर्वाद से सुख-समृद्धि प्राप्त करते हैं।
गणेश चतुर्थी पर प्रसाद और भोग
गणेश चतुर्थी पर, लोग गणपति बप्पा के लिए विशेष प्रसाद और भोग देते हैं। लड्डू, मोदक और गणेश प्रिय मिठाइयां इनमें शामिल हैं। माना जाता है कि इन मिठाइयों को गणेश जी बहुत पसंद हैं और उनका भोग लगाने से उनकी कृपा मिलती है।
इसलिए, गणेश चतुर्थी पर लोग अपने भक्ति के साथ प्रसाद और भोग अर्पित करते हैं।
लड्डू, मोदक और गणेश प्रिय मिठाइयां
लड्डू और मोदक गणेश जी की पसंदीदा मिठाइयां हैं। साथ ही, अन्य गणेश प्रिय मिठाइयां जैसे कुलफी, हलवा, बर्फी, लालमोहन, जलेबी और पेड़ा भी उनके लिए दी जाती हैं।
इन मिठाइयों को भगवान गणेश को सुखद और प्रसन्न करने के लिए दिया जाता है।
गणेश चतुर्थी प्रसाद | विशेषता |
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लड्डू | गोलाकार मिठाई जिसमें घी, खोया और चीनी का मिश्रण होता है। |
मोदक | गणेश जी द्वारा खाई जाने वाली मिठाई जिसमें आटा, खोया, चीनी और काजू/बादाम का मिश्रण होता है। |
गणेश प्रिय मिठाइयां | अन्य लोकप्रिय मिठाइयां जैसे कुलफी, हलवा, बर्फी, लालमोहन, जलेबी और पेड़ा। |
इन गणेश चतुर्थी प्रसादों को भक्ति और श्रद्धा के साथ दिया जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और गणेश जी की कृपा मिलती है।
गणेश जी की आरती: लिरिक्स और गीत
गणेश जी की आरती में “जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।” नाम के श्लोक हैं, जो उनके गुणों को बताते हैं। इन लिरिक्स में लोग गणेश जी की प्रशंसा करते हैं और उनका शुक्रिया अदा करते हैं।
गणेश चतुर्थी के दिन, लोग कई गीत गाते हैं। इन गीतों में गणेश जी की महिमा का गायन होता है। “गणेशाय नमः”, “गणपते जी आप बड़े हो” और “गणपति बप्पा मोरया” जैसे लोकप्रिय गीत शामिल हैं।
गणेश आरती का महत्व | गणेश आरती के लाभ |
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गणेश जी को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है, इसलिए उनकी आरती का पाठ किया जाता है। | गणेश आरती का पाठ करने से शुभ कार्यों की सफलता मिलती है और कष्टों का निवारण होता है। |
गणेश आरती पढ़ने से विघ्न-निवारण और कष्ट-शमन होता है। | गणेश जी की आरती पढ़ने से मनोकामनाओं की पूर्ति और परिवार में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। |
गणपति बप्पा मोरया के प्रति भक्ति से भरे इन गीतों को पढ़ने से लोग धन्यवाद देते हैं। वे गणेश जी की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
गणेश जी की आरती ganesh ji ki aarti lyrics ganesh ji aarti ganesh chaturthi 2024
गणेश जी की आरती में “जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।” जैसे श्लोक हैं। “एकदंत दयावंत, चार भुजाधारी। माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।” और “पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा।” इन श्लोकों को गणेश चतुर्थी 2024 के दिन पढ़ा और गाया जाता है।
आरती में भगवान गणेश के गुण और लक्षण का वर्णन है। भक्तों को लोकोत्तर शक्तियों से आशीर्वाद मांगने की मांग की जाती है। गणेश चतुर्थी 2024 के दिन यह आरती विशेष महत्व रखती है।
आरती में भगवान गणेश के विभिन्न रूपों का वर्णन है। जैसे दयालु, चतुर्भुज, कार्तिकेय के पिता, और मूषक वाहन। इन प्रतीकों से भक्तों को शक्ति और कृपा मिलती है।